INTERNATIONAL WOMEN'S DAY  : 8मार्च को हर साल की तरह इस बार भी इंटरनेशनल विमेंस डे पूरी दुनिया  सेलेब्रेट कर रही है।  आज पूरी दुनिया महिलाओं के राजनैतिक , आर्थिक , सामाजिक विज्ञानं तथा अन्य क्षेत्रो में विशिस्ट   उपलब्धियो के लिए उनके सम्मान में  INTERNATIONAL WOMEN'S DAY मना रही है।  वैसे तो बेहतर कल और समाज के लिए स्त्री पुरुष का योगदान जरुरी है  , इसके बावजूद जिस तरह से महिलाओं ने अपनी सीमाओं को तोड़ कर अपनी उपस्तिति दर्ज कराई है , वह सच में प्रसंसा के योग्य है।  

महिलाओं के प्रति भेदभाव को ख़त्म करने के उद्देश्य से INTERNATIONAL WOMEN'S DAY  मनाने की शुरुआत की गयी थी। पहली बार महिला दिवस 1911 में 19 मार्च को मनाया गया था। इस दिन को लेकर लोगो में अलग अलग धारणाये प्रचलित है , कुछ लोग इसे स्त्रीसत्तात्मक या नारीवाद मानते हैं।  लेकिन तात्कालिक कारण श्रमिक आंदोलन से जुड़ी हुई है।  जर्मन एक्टिविस्ट क्लारा जेटकिन ने अपने निरंतर प्रयास से International socialist congress से महिला दिवस की अंतरास्ट्रीय स्वरुप के लिए मना पायी थी।  जर्मनी एवं डेनमार्क ने पहली बार 19 मार्च  को इंटरनेशनल विमेंस डे का आयोजन किया था ।  उसके बाद पूरी दुनिया धीरे धीरे इस दिन को महिलाओं के सम्मान में सेलिब्रेट करना शुरू किया।  लेकिन 1921 में महिला दिवस की तिथि को बदल कर 8 मार्च कर दिया गया, संयुक्त राष्ट्र ने 1975 में इसे थीम के साथ मानाने की मान्यता दे दी।  , उसके बाद 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है।  


THEME  : प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एक विशेष THEME आधारित होता है।  इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस " JENDER  EQUALITY FOR A SUSTAINABLE TOMORROW " यानि एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता है  महिलायें आज प्रत्येक क्षेत्र में पुरुषों के कंधे से कंधे मिलाकर विकास की हर कड़ी में अपना योगदान दे रही है। जरुरत है हमें उनकी काबिलियत पर भरोषा करने की , उन्हें उनके उपलब्धियों के लिए सम्मान देने की।   अंत में आप सभी को महिला दिवस की अनंत शुभकामनायें। 

        


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